- आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए हमें सही आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना बेहद जरूरी है। योग इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर भी हमें संतुलित बनाता है। इसलिये हम प्राणायाम के महत्व, इसके प्रकार और रोग प्रतिरोधक शक्ती को कैसे बढ़ाएं, या जानने का प्रयास करेंगे।
- ध्यान, प्राणायाम का महत्व :
प्राणायाम का अर्थ होता है ‘प्राण’ या ‘ऊर्जा’ को नियंत्रित करना। यह योग का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करता है और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होता है। प्राणायाम के अभ्यास से हमारी सांसनली मजबूत होती है और श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। प्राणायाम का अभ्यास हमें अपनी सांसों को नियंत्रित करने का कौशल सिखाता है और हमें शांती एवम् स्थिरता की अनुभूति कराता है। यह हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से बल देता है और स्वास्थ्य के साथ ही साथ आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। प्राणायाम के अभ्यास से हम तनाव को कम कर सकते हैं और मानसिक चिंता से मुक्ती प्राप्त कर सकते हैं।
प्राणायाम के प्रकार :
१) अनुलोम-विलोम प्राणायाम : इस प्राणायाम में हम एकही नासिका (नथुने) द्वारा सांस लेते हैं और दूसरे नथुनेद्वारा छोड़ते हैं। यह हमें ताजगी और शांती प्रदान करता है।
२) भ्रामरी प्राणायाम : इस प्राणायाम में हम नाक से सांस लेते हैं और कुछ समय तक मूक्षर ध्वनि उत्पन्न करते हैं। यह मानसिक शांती और स्थिरता लाता है।
३) कपालभाती प्राणायाम : इसमें हम प्राण शकीति को उच्च करने के लिए सांस को तेजी से बाहर और अंदर करते हैं। यह हमें ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर को प्रशांती देता है।
प्राणायाम के कई प्रकार हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, उज्जायी, शीतली, और सित्कारी प्राणायाम के प्रमुख प्रकार है। हर प्रकार का प्राणायाम अपने अनुकूल लाभों के साथ आता है और हमारे शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।
रोग प्रतिरोधक शक्ती कैसे बढ़ाए :
प्राणायाम के अभ्यास से हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ती मजबूत होती है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पोषण से भरपूर लाइफस्टाइल के अनुसार रहना भी रोगो से लड़ने में मदद करता है। प्राणायाम के अभ्यास से हमारी श्वसन प्रणाली मजबूत होती है, जिससे हम विभिन्न रोगों की संभावना से बचते हैं। इसके साथ ही, प्राणायाम करने से हमारे शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है, जिससे विभिन्न प्रकार के संक्रमणों का खतरा कम होता है।
– डॉ. अनिल एन.निकोडे
(प्राकृतिक चिकित्सक) एवम् एन.आय.एस. योगा प्रशिक्षक, गडचिरोली